पाकिस्तान में महंगाई का उपाय: गाय, भैंस और बकरियां- पाकिस्तान से उर्दू प्रेस रिव्यू

पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई की रोकथाम के लिए सरकार ने एक अजीबो-ग़रीब फ़ैसला किया है.


अख़बार 'जंग' के अनुसार ख़ुद प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि औरतों को घर चलाने के लिए एक-एक गाय भैंस और तीन बकरियां दी जाएंगी.


अख़बार के अनुसार शुक्रवार को 'मेरा कारोबार, मेरी आमदनी' नाम के प्रोग्राम के उद्घाटन के दौरान इमरान ख़ान ने ये एलान किया


पाकिस्तान इन दिनों बहुत गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा है और महंगाई रोज़ाना बढ़ती जा रही है. बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए सरकार ने कई क़दम उठाएं हैं और ये उसी का एक हिस्सा है.


इमरान ख़ान ने साथ ही ये दावा भी किया कि पाकिस्तान मुश्किल दौर से निकल चुका है लेकिन अभी भी बड़ी चुनौतियों का सामना है.


इसी कार्यक्रम के दौरान इमरान ख़ान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ पर तंज़ करते हुए कहा, ''वो क़ौमें तबाह हो जाती हैं जहां बड़े चोर लंदन चले जाएं और छोटे चोर पकड़े जाएं.''


'कश्मीर में सब ठीक है तो हमें वो जाने दें'


भारत से डीपोर्ट होने वाली ब्रितानी सांसद डेबी अब्राहम्स इस हफ़्ते पाकिस्तान पहुंची. डेबी अब्राहम्स ब्रितानी सांसदों के कश्मीर ग्रुप की प्रमुख हैं.


डेबी निजी काम से भारत आना चाहती थीं लेकिन भारत ने उन्हें हवाईअड्डे से ही वापस लौटा दिया.उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर भारतीय अधिकारियों ने उनसे अच्छा सलूक नहीं किया.


भारत से डीपोर्ट होने के बाद अब्रहाम्स अपने साथियों के साथ पाकिस्तान पहुंची और इमारान ख़ान से मुलाक़ात की.


अख़बार 'एक्सप्रेस' के अनुसार मुलाक़ात के बाद अब्रहाम्स ने कहा, ''भारत प्रशासित कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना सभी देशों की ज़िम्मेदारी है.''


ब्रितानी सांसदों के इस दल ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से भी मुलाक़ात की.


बाद में पत्रकारों से बात करते हुए डेबी अब्राहम्स ने कहा, ''भारत प्रशासित कश्मीर में हालात अगर सामान्य हैं और अगर कुछ छुपाया नहीं जा रहा तो भारत सरकार हमें भारत प्रशासित कश्मीर जाने की इजाज़त दे. हमें प्रो-पाकिस्तान या एंटी-इंडिया नहीं बल्कि प्रो-ह्यूमन राइट्स ग्रुप हैं. इसलिए हम भारत से कहते हैं कि हमें वहां जाकर ज़मीनी हालात का जायज़ा लेने दें.''


जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के 200 दिन पूरे हो गए हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने पांच अगस्त को ये फ़ैसला लिया था.